72 साल बाद सावन में बन रहा ये शुभ संयोग, सोमवार को समापन और शुरुआत दोनों, भक्तों की पूरी होगी हर कामना
Sawan 2024 : सावन का महीना इस बार बेहद खास, जानें कब से हो रहा आरंभ और कितनें होंगे सावन के सोमवार
सावन के महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए विशेष रुप से फलदायी होता है। सावन के महीने में भगवान शिव को अति प्रिय है। इस बार सावन पर कई अद्भूत संयोग बन रहे हैं। आइए जानते हैं सावन का आरंभ कब से हो रहा है और इस बार सावन में कुल कितने सोमवार होंगे।
सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। शिव भक्तों को इस महीना का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस महीने में की गई पूजा पाठ का व्यक्ति को विशेष फल मिलता है। भगवान शिव अपने भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूरी करते हैं। इस बार सावन पर बहुत ही अद्भुत संयोग बन रहा है। दरअसल, इस बार सावन महीने की शुरुआत सोमवार से ही होने जा रही है। आइए जानते हैं सावन कब से हो रहा है आरंभ और इस बार सावन में कितने सोमवार होंगे।
इस साल सावन महीना की गणना दो तरीके से की जाती है। एक संक्रांति के अनुसार और दूसरा पूर्णिमा के अनुसार। पूर्णिमा तिथि के अनुसार, सावन महीना का आरंभ 22 जुलाई 2024 दिन सोमवार से हो रहा है और सावन महीने का समापन 19 अगस्त को होगा। वहीं, संक्रांति के अनुसार, सावन महीना का आरंभ 16 जुलाई से सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने के साथ ही हो जाएगा। पूर्णिमा के अनुसार, सावन में 5 सोमवार होंगे। वहीं, संक्रांति के हिसाब से 4 सोमवार होंगे। बता दें कि मूल रूप से लोग पूर्णिमा के हिसाब से ही सावन का व्रत करते हैं। पूर्णिमा के अनुसार, सावन का आरंभ सोमवार से होगा और समापन भी सोमवार को ही होगा।
सावन 2024 की तिथियां और महत्वपूर्ण तिथियां Sawan 2024
आरंभ तिथि- 22 जुलाई 2024
समाप्ति तिथि- 19 अगस्त 2024
सावन 2024 में 5 सोमवार
पहला सोमवार- 22 जुलाई 2024
दूसरा सोमवार- 29 जुलाई 2024
तीसरा सोमवार- 5 अगस्त 2024
चौथा सोमवार- 12 अगस्त 2024
पाँचवाँ सोमवार- 19 अगस्त 2024
सावन सोमवार तारीख Sawan 2024
22 जुलाई 2024 सावन का पहला सोमवार
29 जुलाई 2024 सावन का दूसरा सोमवार
5 अगस्त 2024 सावन का तीसरा सोमवार
12 अगस्त 2024 सावन का चौथा सोमवार (संक्रांति के अनुसार, सावन का आखिरी सोमवार)
19 अगस्त 2024 सावन का पांचवा सोमवार
सावन महीना का महत्व Sawan 2024
हिंदू धर्म के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव ही रुद्र रुप में सृष्टि का संचालन करते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी तो सावन के महीने में भगवान शिव ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वरदान दिया था। इसलिए भी यह महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। इस महीने में की गई पूजा पाठ का व्यक्ति को विशेष फल मिलता है।
यह सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए खास होता है. इस बार का सावन का महीना शिव भक्तों के लिए और भी ज्यादा खास होने वाला है, क्योंकि इस बार 72 साल के बाद सावन में अद्भुत महायोग बन रहा है.
सावन का पवित्र महीना आने वाला है, जो भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस पूरे महीने में, भक्त श्रद्धा और भक्तिभाव से भगवान शिव की पूजा करते हैं. इस बार, सावन की शुरुआत और समाप्ति दोनों ही सोमवार से हो रही है. यह घटना करीब 72 साल बाद घट रही है, जो इसे और भी खास बनाती है. इस बार सावन में पांच सोमवार होंगे, जो भगवान शिव की पूजा के लिए अति उत्तम माने जाते हैं. वहीं इस बार सावन माह में 5 सोमवार होने वाले हैं.
सावन महीना Sawan 2024
इस बार सावन की शुरुआत 22 जुलाई से होगी. इस दिन सुबह से शाम तक प्रीति योग रहेगा. सावन माह 19 अगस्त को संपन्न होगा. सावन की शुरुआत और समापन सोमवार से होना दुलर्भ संयोग है. Astroo Magic एवम Shree Seva Pratishthan, के विद्वान श्रीपाद वूनायक जोशी (गुरुजी) ने कहा कि 72 साल बाद सावन में ऐसा योग बन रहा हैं, जिसमे सावन की शुरुआत और अंत भी सोमवार से हो रही हैं. इस बार सावन माह 29 दिनों का होने वाला है पहला सोमवार 22 जुलाई , दूसरा 29 तीसरा , 5 अगस्त, चौथा 12 और पांचवां व अंतिम सोमवार 19 अगस्त को पड़ेगा. पिछले साल सावन में आठ सोमवार पड़े थे. ऐसा अधिक मास होने से हुआ था. चातुर्मास भी चार की जगह पांच माह का रहा था.
मंगला गौरी के चार व्रत Sawan 2024
सावन अमूमन तीन मंगलवार पड़ते हैं. दिन मंगला गौरी का व्रत होता है. इस बार मंगला गौरी व्रत चार होंग पहला व्रत 23 जुलाई, दूसरा 3 जुलाई, तीसरा छह अगस्त व चौध 13 अगस्त को होगा.
- पहला मंगला गौरी व्रत- 23 जुलाई को
- दूसरा मंगला गोरी व्रत- 30 जुलाई
- तीसरा मंगला गौरी व्रत- 6 अगस्त
- चौथा मंगला गौरी व्रत- 13 अगस्त
15 जुलाई से लगेगा ये मुहूर्त
नगर व्यास कमलेश व्यास ने कहा कि आषाढ़ शुरू हो चुका है. इसके साथ जुलाई से विवाह के मुहूर्त भी प्रारंभ हो जाएंगे. इस माह भडल्या नवमी अबूझ मुहूर्त के साथ 6 अन्य मुहूर्त हैं. भडल्या नवमी 15 जुलाई को है. उसके बाद 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है. इस कारण मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध लग जाएगा. मई और जून में शुभ मुहूर्त नहीं थे जुलाई में 9, 10, 11, 12, 13, 14 और 15 तारीख को शादी-ब्याह के सावे हैं
17 से लगेगा चातुर्मास
देवशयनी एकादशी के बाद चातुर्मास के कारण 17 जुलाई से 25 नवंबर तक शुभ लग्न नहीं है. 26 नवंबर को देव उठनी एकादशी से विवाह आयोजन प्रारंभ होंगे.
नवंबर में 12, 13, 16,17, 18, 2 23, 25, 26, 28 और 29 तारीख को विवाह की शुभ घड हैं. दिसंबर में 4, 5, 9, 10, 14 व 15 तारीख को मुहूर्त है.