सिंह राशि में शुक्र का गोचर से बनेगा लक्ष्मी नारायण योग- ये राशियाँ कमाएँगी अपार धनलाभ! जानें मेष से मीन तक सभी 12 राशियों पर कैसा रहेगा प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सुख, विलासिता, खूबसूरती, प्रेम और वैवाहिक जीवन का ग्रह कहा जाता है। अब यही ग्रह 31 जुलाई को सिंह राशि में गोचर करने वाला है जहां पहले से ही कुछ अन्य ग्रह मौजूद हैं। कौन-कौन से हैं ये ग्रह और सिंह राशि में युति होने पर यह किस तरह के परिणाम आपके जीवन पर डालने वाले हैं यह जानने के लिए अंत तक पढ़ें हमारा यह खास लेख।
सिर्फ इतना ही नहीं इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे शुक्र के सिंह राशि में गोचर के परिणाम का विस्तृत गोचर फल, साथ ही जानेंगे शुक्र को मजबूत करने की कुछ बेहद ही सटीक उपाय और शुक्र ग्रह से जुड़ी कुछ अहम बातों की भी जानकारी। आगे बढ़ने से पहले जान लेते हैं शुक्र का सिंह राशि में गोचर कब होने जा रहा है।
सिंह राशि में शुक्र का गोचर – क्या रहेगा समय?
शुक्र का सिंह राशि में गोचर 31 जुलाई को 14:15 पर हो जाएगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें जिस समय सिंह राशि में शुक्र का ये गोचर होगा उस दौरान यहां पहले से ही बुध ग्रह मौजूद रहने वाले हैं। ऐसे में सिंह राशि में शुक्र और बुध ग्रह की महत्वपूर्ण युति बनेगी। निश्चित तौर पर इस युति से कुछ राशियों को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे तो कुछ राशियों को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
क्या होती है ग्रहों की युति? ग्रहों की युति के बारे में बात करें तो जब भी किसी एक राशि या एक भाव में एक से अधिक ग्रह एक समय पर मौजूद होता है तो इसे ग्रहों की युति के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि इस युति के परिणाम स्वरुप जातकों के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह के परिणाम देखने को मिल सकते हैं। सिंह राशि में होने वाली शुक्र और बुध की यह युति आपके जीवन पर किस तरह के प्रभाव डालने वाली है अगर आपको भी इस बारे में जानकारी हासिल करनी है तो आप अभी श्रीपाद जोशी (गुरुजी) से जुड़कर इस बारे में परामर्श हासिल कर सकते हैं।
सिंह राशि में शुक्र-बुध की युति से बनेगा लक्ष्मी नारायण राजयोग
ज्योतिष के अनुसार जब भी बुध और शुक्र की युति होती है तो इससे लक्ष्मी नारायण राजयोग का निर्माण होता है। जहां एक तरफ बुध को ग्रहों का राजकुमार माना जाता है वहीं दूसरी तरफ शुक्र ग्रह को दैत्यों का गुरु कहा गया है। ऐसे में जब ये दोनों ग्रह साथ में आते हैं तो लक्ष्मी नारायण राजयोग बनता है।
इसके अलावा कहा जाता है कि जब इस युति पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ती है तो इसकी प्रबलता और ज्यादा बढ़ जाती है और यह जातकों के लिए बहुत ज्यादा फलदाई हो जाता है। हालांकि यहां पर इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इनमें से कोई भी ग्रह अस्त अवस्था में नहीं हो, नीच अवस्था में ना हो, तभी यह योग बनता है।
लक्ष्मी नारायण योग के शुभ परिणाम तब प्राप्त होते हैं जब दोनों ही ग्रह अच्छे अंश पर मौजूद हो।
लक्ष्मी नारायण योग का महत्व
बहुत से लोग मानते हैं कि लक्ष्मी नारायण योग व्यक्ति को धनवान बनाता है लेकिन क्या वाकई में ऐसा होता है? आइये जान लेते हैं।
- लक्ष्मी नारायण योग बुध और शुक्र की युति से बनता है।
- जहां एक तरफ बुध ग्रह बुद्धि और वाणिज्य का कारक है
- वहीं शुक्र ग्रह आकर्षण, धन, सौभाग्य और विलासिता का ग्रह कहा जाता है।
- ऐसे में जब बुध और शुक्र की युति होती है तो व्यक्ति खूब लाभ कमाता है।
- इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को अचानक धन लाभ होने की संभावना बढ़ जाती है।
- लक्ष्मी नारायण योग के प्रभाव से व्यक्ति की बुद्धि और प्रतिभा निखरती है
- और उसे काम में सफलता मिलती है।
- जब किसी व्यक्ति की कुंडली में लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है
- तो ऐसे व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।
कमजोर शुक्र के लक्षण और उपाय
अगर आपके विवाह में बिना वजह का विलंब हो वहा है या वैवाहिक जीवन में कलह बनी हुई है, प्रेम संबंधों में असफलताएं मिल रही हैं, धन की कमी है, जीवन में ऋण का बोझ बढ़ गया है, आपके जीवन में अप्रत्याशित खर्चे बढ़े जा रहे हैं, जीवन में वित्तीय अस्थिरता बनी हुई है या फिर मोटापा, मधुमेह, त्वचा रोग जैसी परेशानियां भी आपके जीवन में है, आत्मविश्वास की कमी है, त्वचा की समस्या है, बाल झड़ रहे हैं तो मुमकिन है कि आपकी कुंडली में मौजूद शुक्र ग्रह पीड़ित या फिर कमजोर अवस्था में है।
अपनी कुंडली में शुक्र की सटीक स्थिति जानने के लिए आप विद्वान श्रीपाद जोशी (गुरुजी) भी ले सकते हैं। अगर आपकी कुंडली में शुक्र कमजोर या पीड़ित अवस्था में मौजूद तो इससे बचने के लिए और शुक्र के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए हम आपको कुछ सरल उपायों की जानकारी यहाँ प्रदान कर रहे हैं:
- हर शनिवार को मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें।
- सफेद रंग के वस्त्र पहनें।
- खीर का भोग लगाएँ।
- शुक्र यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें।
- शुक्र मंत्र का नियमित रूप से जाप करें।
- हीरा, पुखराज या मोती धारण करें। कोई भी रत्न धारण करने से पहले
- एक बार विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श अवश्य ले लें।
- शुक्रवार के दिन गरीबों और ज़रूरतमन्द लोगों को दान करें।
- अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने का प्रयास करें।
- नकारात्मक विचारों को त्याग दें।
- सकारात्मकता के साथ अपने जीवन जीएँ और अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करें।
- संतुलित आहार लें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें और उचित मात्रा में नींद लें।
सिंह राशि में शुक्र का गोचर – राशि अनुसार भविष्यवाणी और उपाय
मेष राशि – सिंह राशि में शुक्र का गोचर
शुक्र मेष राशि के जातकों के लिए दूसरे और सप्तम भाव का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और छठे घर का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि – सिंह राशि में शुक्र का गोचर
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और बारहवें घर का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और एकादश भाव का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि – सिंह राशि में शुक्र का गोचर
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि – सिंह राशि में शुक्र का गोचर
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और अष्टम भाव का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सप्तम और बारहवें घर का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि – सिंह राशि में शुक्र का गोचर
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और दशम भाव का स्वामी है आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि – सिंह राशि में शुक्र का गोचर
कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और आठवें घर का स्वामी है और आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1: शुक्र का सिंह राशि में गोचर कब होगा?
उत्तर: शुक्र ग्रह 31 जुलाई को 14:15 पर सिंह राशि में गोचर कर जाएंगे।
प्रश्न 2: शुक्र के इस गोचर से किन ग्रहों की युति होगी?
उत्तर: शुक्र के सिंह राशि में गोचर से बुध और शुक्र की युति होगी।
प्रश्न 3: बुध-शुक्र युति से कौन से योग का निर्माण होता है?
उत्तर: बुध शुक्र की युति से एक बेहद ही शुभ योग लक्ष्मी नारायण योग बनता है।
प्रश्न 4: अगर कुंडली में शुक्र दोष मौजूद है तो क्या करें?
उत्तर: जीवन में ज्यादा से ज्यादा सफेद रंग की वस्तु धारण करें, मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करें और शुक्र से संबंधित चीजों का दान करें।